इन मामलों का सत्यानाश बुद्धि और राज की नीति ने किया है वरना भाषा तो जहाँ जिससे मिली उसमे समा अपना – अपना स्वाद बखूबी अलग सम्हाले और महसूस कराती रही।
इन मामलों का सत्यानाश बुद्धि और राज की नीति ने किया है वरना भाषा तो जहाँ जिससे मिली उसमे समा अपना – अपना स्वाद बखूबी अलग सम्हाले और महसूस कराती रही।