जीउत्पुत्रिका व्रत बड़ी श्रद्धा-भाव के साथ मनाया जाता है । यह व्रत संतान की मंगल कामना के लिए किया जाता है । इस व्रत को माताएं रखती हैं । जीवित्पुत्रिका व्रत निर्जल किया जाता...
सुंदरलाल एक धनी व्यापारी था । उसमें बस एक कमी थी , वह बहुत कामचोर और आलसी था । सुबह देर तक सोना उसे बहुत पसंद था । अपने आलसी स्वभाव के कारण धीरे-धीरे...
भारतीय संस्कृति में जन-जन का यह अटूट विश्वास है कि मृत्यु के पश्चात जीवन समाप्त नहीं होता , बल्कि जीवन को एक कड़ी के रूप में माना गया है , जिसमें मृत भी एक...
बालकांड का संदर्भ लें तो ज्ञात होता है कि वाल्मीकि का आश्रम तमसा नदी के तट पर और गंगा के निकट स्थित था । “सं मुहूर्तंगते तस्मिन देवलोकं मुनिस्तदा जगाम तमसातीरं जाह्नव्यास्त्वविदूरत: ।” इसके...
पितृ यानी हमारे मृत पूर्वजों का तर्पण करवाना हिंदू धर्म की एक बहुत प्राचीन प्रथा व पर्व है । हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष के 16 दिन निर्धारित किए गए हैं , ताकि आप...