नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिग ऑर्ट्स (एनसीपीए) के हाथों नीलाम हुये होमी जहांगीर भाभा के बँगले के बारे में सोचते हुए …. बरबस ही ध्यान इस NCPA नामक एन. जी. ओ. के परफॉर्मिग ऑर्ट्स आई मीन दुकानदारी कला की तरफ चला जाता है।
सही है कि भाभा के भाई ने इस दूकान के नाम वसीयत किया था बँगले ”मेहरानगीर” का, तो इसे 372 करोड़ रूपयों में नीलाम कर इस कला के नाम पर दुकानदारी कर रही फर्म ने किस कला का संरक्षण किया है ?

वाजिब गैर सरकारी संगठन के नाम पर पर फलते -फूलते तमाम गैर वाजिब .. व्यापारिक गिरोहों / दूर बैठे अपने आकाओं के हित साधते सामाजिक दलाली फर्मों … के बारे में आई बी ने भी चेताया है सरकार को … ध्यान दें इन मुफ्त के सुविधाभोगिओं पर।
इनकी करतूतों और कमाई दोनों का हिसाब लेना तब और नैतिक के साथ जरुरी हो जाता है जब इनका खुद का मुख्य पेशा दूसरों के काम और हिसाब -किताब पर मुनिबी करने का हो।
Agree….
धन्यवाद
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