मेरी प्रिय गाय व खूबसूरत बछिया

ये हमारी साहीवाल गाय व उसकी बछिया, हमारे घर के सदस्‍यों की तरह हैं। वैसे तो मैं जब घर पर रहता हूं तो कभी कभार इन्‍हें कुछ भूसा-घास डाल दिया किन्‍तु ये दोनो हमें पहिचानती है। आपको बताना चाहूंगा कि घर पर अकेले होने पर भी इनके कारण कभी भी अकेले पन का एहसास नहीं होता है।

आपसे बताने में खुशी की अनुभूति हो रही है कि यदि आपके यहां कोई हाई ब्‍लड प्रेशर का मरीज हो तो वह गाय पाल ले अथवा गाय से दोस्‍ती कर ले। रोज दस बीस मिनट वह गाय की पीठ पर अपने हाथ से सहलाये। पूरी पीठ से लेकर उसके डिल तक। रोमांचकारी परिणाम आयेगा कि उनका बीपी सामान्‍य हो जायेगा। तभी तो दिलीप की गोसेवा का वर्णन किया गया है।

कल श्री ब्रज भूषण भइया व पशुधन अधिकारी श्री राहुल दूबे का पोस्‍ट पढा तो मेरी भी इच्‍छा हुयी कि अपनी प्रिय गाय व खूबसूरत बछिया से आप सभी को मिलवा दें।

Apna Purvanchal Admin

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