अपनी बहू के साथ बलात्कार करने वाले ससुर के मामले में माँगी गयी ..तीसरे पक्ष द्वारा सलाह पर..शरिया अदालत ने बहू का ससुर से निकाह करा देने का फ़तवा दिया और इसे जायज़ माना।
आज के संदर्भ में इन्ही नाजायज़ सलाहों से बचने की सलाह दी है सुप्रीम कोर्ट ने शरिया कोर्टों को।
नाज़ायज़ को नहीं मानने में ऊपर वाले से भी डरने की कोई जरुरत नहीं। लेकिन ऊपर वाले को मानने वालों के लिए उसके नाम पर दी गयी सलाह को नकार पाना .. आसानी से मुमकिन है क्या..?
”सलाह” को आप ”आदेश” नहीं बना सकते .. सुन रहे हैं न शंकराचार्य जी !!
-अवनीश
Post Extension by – Anil Kumar