फकीर का उपदेश (कहानी)

एक बार गांव में एक बूढ़ा फकीर आया । उसने गांव के बाहर अपना आसन जमाया । वह बड़ा होशियार फकीर था और वह लोगों को बहुत सी अच्छी-अच्छी बातें बतलाता था । थोड़े ही दिनों में वह मशहूर हो गया । सभी लोग उसके पास कुछ न कुछ पूछने को पहुंचते थे । वह सबको अच्छी सीख देता था ।

गांव में एक किसान रहता था । उसका नाम राम गुलाम था । उसके पास बहुत सी जमीन थी , लेकिन फिर भी रामगुलाम सदा गरीब रहता था । उसकी खेती कभी अच्छी नहीं होती थी । धीरे-धीरे रामगुलाम पर बहुत सा कर्ज हो गया । रोज महाजन उसे रुपए के लिए तंग करने लगा । लेकिन खेतों में अब भी कुछ पैदा नहीं होता था । रामगुलाम खाद तो खेतों में बहुत कम ले जाता था । वह सारा काम नौकरों से लेता था । उसके यहां दो नौकर थे । वे जैसा चाहते, वैसा करते थे । आखिर महाजन से तंग आकर रामगुलाम ने अपनी आधी जमीन बेच दी । अब आधी जमीन ही उसके पास रह गई ।

जिन खेतों में बहुत कम पैदावार होती थी , वही रामगुलाम ने बेच दिए थे । जिस किसान ने उसकी जमीन ली थी , वह बड़ा मेहनती था । वह अपना सारा काम अपने हाथों से करने की हिम्मत रखता था । वह कभी अपना काम मजदूरों के भरोसे नहीं छोड़ता था । पहली ही फसल में उस किसान ने उन खेतों को इतना अच्छा बना दिया कि उसमें चौगुनी फसल हुई । रामगुलाम ने जब यह देखा तो वह अपने भाग्य को कोसने लगा । इधर उस पर और भी कर्ज हो गया और उसको बड़ी चिंता रहने लगी । आखिर एक दिन वह भी उस फकीर के पास गया । उसने बड़े दु:ख के साथ अपने दुर्भाग्य की कहानी फकीर से कह सुनायी ।

फकीर ने सुन कर कहा अच्छी बात है , कल हम तुम्हें बताएंगे । रामगुलाम चला आया । उसी रात को फकीर ने गांव में जाकर रामगुलाम की दशा का सब पता लगा लिया । दूसरे दिन रामगुलाम फकीर के पास गया तो फकीर ने कहा कि तुम खेती का सारा काम मजदूरों पर छोड़ देते हो । तुम उनसे कहते हो- जाओ ऐसा करो, पर खुद न उनके साथ जाते हो , न काम करते हो । पर वह किसान मजदूरों से कहता है – आओ , खेत चलें । वह उनके साथ-साथ जाता है और साथ-साथ मेहनत करता है । तुम चाहते हो कि तुम्हारे खेतों में भी खूब पैदावार हो तो “जाओ ” छोड़ कर “आओ ” के अनुसार चलना सीखो ।

रामगुलाम ने फकीर की बात मान ली । उस दिन से आलस्य को त्याग कर वह अपने खेत में मजदूरों के साथ कड़ी मेहनत करने लगा । अब उसके उन्हीं खेतों में खूब फसल होने लगी ।

Rajendra Yadav

Learn More →

Leave a Reply