[dropcap color=”#888″ type=”square”]ह[/dropcap]मार भोजपुरी कहिया ले शपथ लेवे वाली औकात में आई श्री Manoj Tiwari ‘Mridul’ भाई जी … मालिक रउरे अब माननीय सांसद बाटीं .. हमके अपना महतारी हिंदी से कौन शिकायत हो सकेला भला … लेकिन आठंवी अनुसूची में जगह पावे के हकदार बा हमार भाखा माई …
दुनिया के नक्शा के दूर … छोर .. फ़िजी ले अपना लइकन के दुलार पावत माई अब संसद में बोलल चाहत बाटे .. निहोरा बा रउरा से .. अब इ काम हो जाये के चाहता।
ढेर दिन भइल आपसे मुलाकात आ बात के .. हमके भुला जाईं .. कौनो हर्ज़ नइखे .. लेकिन माई के इ स्थान खातिर कान्हे के गमछा अब कपारे बान्हीं महराज।
Below is the Hindi version :

#भोजपूरी बोली न समझने वाले इस पोस्ट के कथ्य को यूँ समझें .. भोजपुरी को भाषा का दर्ज़ा देते हुए उसे संविधान की आंठ्वीं अनुसूची में शामिल करने की माँग बहुत वर्षों से लंबित है , यहाँ उसे पूरा करने का निवेदन किया गया है .. भाई श्री मनोज तिवारी , माननीय सांसद के माध्यम से।