सिद्ध पीठ दुर्गा मंदिर का चमत्कार

आज मैं पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की एक सिद्ध पीठ के चमत्कार से आपका परिचय करा रहा हूँ। यह सिद्ध पीठ दुर्गा मंदिर , देवरिया जनपद मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम – सभा अहिल्यापुर बुजुर्ग के पास रेलवे लाइन के सटे उत्तर तरफ स्थित है ।

वैसे तो इस सिद्ध पीठ पर सालों – साल ( वर्षभर )श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती रहती है , किंतु चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के समय यहाँ पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो जाती है । जो कि अपनी-अपनी मनोकामना को लेकर पहुंचते हैं और मां का प्रसाद एवं आशीर्वाद लेकर अपने घर को वापस जाते हैं । इस माता की स्वयंभू पिंड के बारे में बुजुर्गों से यही सुनने को मिलता है |

यह बात उस समय की है जब 113 साल पहले अंग्रेजों द्वारा एक मीटर गेज रेलवे लाइन का निर्माण कार्य चल रहा था । इस समय अंग्रेजी सरकार ने फैसला लिया था कि रेलवे लाईन इस शक्तिपीठ मंदिर से होकर गुजरेगी । इस निर्णय पर ग्रामीणों ने एतराज किया और अंग्रेज अधिकारियों से रेलवे ट्रैक को मंदिर से थोड़ी दूर ले जाने का आग्रह किया , लेकिन अंग्रेज अधिकारियों ने ग्रामीणों के इस सुझाव को नहीं मानते हुए , रेलवे लाइन को वहीं से निकालने का निर्णय जारी रखा । सुबह से शाम तक रेलवे लाइन की पटरियाँ बिछाई गई , लेकिन सुबह होते – होते पटरियाँ क्षतिग्रस्त मिले । पहले तो अंग्रेज अधिकारियों को इसके पीछे ग्रामीणों का हाथ लगा । कई प्रयास किए गए और हर बार वही परिणाम सामने आया यानी पटरियाँ सुबह में क्षतिग्रस्त मिलती गयी ।

यह मंदिर गोरखपुर से बनारस और बिहार की ओर जाने वाले रेलवे ट्रैक पर देवरिया रेलवे स्टेशन के बाद पहला रेलवे स्टेशन अहिल्यापुर के पास पड़ता है । एक बार रेलवे के इंजीनियर को स्वप्न में माता दुर्गा के दर्शन हुए और माता ने उस इंजीनियर को आदेश देते हुए कहा कि रेल की पटरियों को कहीं अन्य जगह बिछवा लो , नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे । अंत में मां भवानी के आगे अंग्रेज अफसरों ने भी घुटने टेक दिए और रेल की पटरियों को मंदिर से 100 मीटर दक्षिण स्थापित करने का निर्णय लिया और न चाहते हुए भी अपने खुद के निर्णय को बदलना पड़ा । लगभग आधी दुनिया जिस ब्रिटिश हुकूमत के आगे झुकती थी , उन्हीं अंग्रेजी शासकों को आदि शक्ति मां दुर्गा के सामने सिर झुकाना पढ़ा था । यही माता का चमत्कार का परिणाम है ।

Rajendra Yadav

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