कुछ समय के लिए आंखों से यह मंदिर ओझल हो जाता है

भगवान शिव का यह मंदिर भारत में अनोखा मंदिर है , जो सुबह शाम आंखों से ओझल हो जाता है । यह मंदिर गुजरात के कावी कंबोई गांव में है । यह मन्दिर वड़ोदरा से 40 मील दूर अरब सागर के मध्य कैम्बे तट पर है । इस मंदिर का नाम स्तंभेश्वर महादेव मंदिर है ।

कहा जाता है कि इस मंदिर को भगवान कार्तिकेय ने बनवाया था । दरअसल इस मंदिर के आंखों से ओझल होने और फिर वापस आने के पीछे तर्क ज्वार भाटा उठना है । यही वजह है कि ज्वार भाटा आने के समय यह मंदिर समुद्र में डूब डूब जाता है और फिर जैसे ही ज्वार कम होता है या मंदिर ऊपर आ जाता है । इसलिए लोग उसी समय मंदिर में भगवान के दर्शन कर सकते हैं जब समुद्र में ज्वार कम हो । ऐसा केवल कुछ समय से ही नहीं बल्कि सदियों से ऐसा हो रहा है । इस मंदिर के पीछे की कहानी यह है कि राक्षस तारकासुर ने शिव की तपस्या कर उनसे वरदान मांग लिया था । शिव ने उसकी तपस्या से खुश होकर यह वरदान दिया था कि राक्षस ताड़कासुर को सिर्फ और सिर्फ उनका बेटा जिसकी उम्र केवल 6 दिन हो , वही मार सकता है ।

वरदान मिलने के बाद राक्षस तारकासुर में सभी जगह आतंक फैलाना शुरू कर दिया । इससे सभी देवी देवता डरे हुए थे । इसके बाद भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने ही छह साल की आयु में ताड़कासुर का वध कर सभी को राक्षस ताड़कासुर के आतंक से मुक्ति दिलाई थी । चूंकि राक्षस ताड़कासुर भगवान शिव का भक्त था तो इसलिए उस जगह पर शिवालय बनाया गया । जिसे आज स्तंभेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है ।

Rajendra Yadav

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